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पापा लोकल बेटा ग्लोबल

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पापा लोकल बेटा ग्लोबल - नील-नारायण प्रकाशन की नई किताब

प्रकाशक: नील-नारायण प्रकाशन

आज के दौर में जब दुनिया तेजी से ग्लोबलाइजेशन की ओर बढ़ रही है, तब हर व्यक्ति के लिए यह महत्वपूर्ण हो गया है कि वह न केवल अपने स्थानीय जीवन को समझे, बल्कि वैश्विक दृष्टिकोण से भी अपनी सोच का विकास करे। नील-नारायण प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किताब "पापा लोकल बेटा ग्लोबल" इसी विचारधारा को समर्पित है। यह किताब एक दिलचस्प और प्रेरणादायक यात्रा का हिस्सा है, जो हमें यह समझाती है कि कैसे एक पिता और पुत्र के रिश्ते के माध्यम से लोकल से ग्लोबल की यात्रा की जा सकती है।

किताब का सार:

पापा लोकल बेटा ग्लोबल एक प्रेरक कहानी है, जो एक पिता और उसके बेटे के रिश्ते के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें यह बताया गया है कि कैसे एक साधारण पिता अपने बेटे को न केवल लोकल दुनिया से, बल्कि ग्लोबल दृष्टिकोण से भी परिचित कराता है। इस किताब में, पिता के अनुभवों और बेटे के सपनों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश की गई है, ताकि वे दोनों मिलकर एक ऐसी दुनिया में कदम रख सकें, जो सिर्फ स्थानीय सीमाओं तक सीमित नहीं रहती, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संभावनाओं को भी अपनाती है।

किताब में ऐसे कई संदेश दिए गए हैं, जो किसी भी युवा को प्रेरित कर सकते हैं। यह कहानी यह बताती है कि भले ही हम लोकल जीवन जी रहे हों, लेकिन अगर हमारी सोच ग्लोबल हो, तो हम किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते हैं। यह किताब आपको एक नई दिशा दिखाती है, जहां आपको अपनी पहचान बनाने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए सही दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।

किताब की विशेषताएँ:

  1. प्रेरक कहानी: यह किताब न केवल एक पिता-पुत्र के रिश्ते की कहानी है, बल्कि यह जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती है। इसमें घरेलू जीवन से लेकर वैश्विक दृष्टिकोण तक की यात्रा को बखूबी चित्रित किया गया है।

  2. ग्लोबल सोच: यह किताब हमें यह सिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी लोकल पहचान को संजोते हुए ग्लोबल दुनिया में अपनी जगह बना सकता है। यह कहानी हमें यह समझाती है कि वैश्विक दृष्टिकोण अपनाने से जीवन में न केवल सफलता, बल्कि संतुष्टि भी मिल सकती है।

  3. व्यक्तिगत विकास: पिता और बेटे के रिश्ते को एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत करते हुए, यह किताब व्यक्तिगत विकास और मानसिकता में बदलाव के महत्व को दर्शाती है। यह बताती है कि सही मार्गदर्शन से हम अपनी सोच और कार्यक्षमता को नया आयाम दे सकते हैं।

क्यों पढ़ें यह किताब?

  • अगर आप अपने जीवन में ग्लोबल सोच को अपनाना चाहते हैं, तो यह किताब आपके लिए आदर्श है।
  • यह किताब उन सभी के लिए है जो अपने पारंपरिक दृष्टिकोण से आगे बढ़कर वैश्विक स्तर पर सोचने और काम करने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं।
  • यह एक आदर्श प्रेरणा देने वाली कहानी है, जो हर किसी को अपने सपनों का पीछा करने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा देती है।

कहाँ से खरीदें?

आप नील-नारायण प्रकाशन की इस बेहतरीन किताब को हमारी वेबसाइट पर जाकर आसानी से खरीद सकते हैं। बस अपनी पसंदीदा किताब को चुनें, और यह आपके घर तक पहुंच जाएगी। हमारी वेबसाइट पर आपको और भी कई शानदार किताबें मिलेंगी, जो आपके ज्ञान और सोच को एक नया दृष्टिकोण दे सकती हैं।

निष्कर्ष:

पापा लोकल बेटा ग्लोबल एक ऐसी किताब है जो न केवल युवाओं को प्रेरित करती है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और अपनी सोच को विस्तृत करने का एक बेहतरीन साधन है। नील-नारायण प्रकाशन ने इस किताब के माध्यम से हमें यह समझाने की कोशिश की है कि हम कहां से आए हैं, इस पर ज्यादा ध्यान देने की बजाय हमें यह सोचना चाहिए कि हम कहां जा रहे हैं और उस दिशा में किस तरह से कदम बढ़ा सकते हैं।

तो देर किस बात की? आज ही पापा लोकल बेटा ग्लोबल किताब खरीदें और एक नई यात्रा की शुरुआत करें!

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